चौधरी सर छोटूराम की जीवनी: कौन थे किसानों के मसीहा
Sir Chhotu Ram Biography In Hindi: हरियाणा प्रदेश के झज्जर जिले के गांव गढ़ी सापला में छोटूराम का जन्म 24 नवंबर 1881 हुआ था, उनके बचपन का नाम रिछपाल था, लेकिन घर में सबसे छोटा होने के कारण उनको छोटू कहने लगे। बाद में उनका नाम छोटूराम पड़ा। अंग्रेजों के शासनकाल में उनको किसानों के अधिकारों की आवाज उठाने के रूप में जाना जाता है। उनके पिता का नाम सुखीराम और दादा का नाम रामरतन था। उनके पास 10 एकड़ बरानी व बंजर जमीन थी।
चौधरी सर छोटूराम की शिक्षा
छोटूराम की प्रारंभिक शिक्षा उनके गांव से थोड़ी दूर झज्जर के मिडिल स्कूल में हुई। फिर बाद में वह क्रिश्चियन मिशन स्कूल दिल्ली में दाखिल हो गए, लेकिन वहां पर फीस का खर्च ज्यादा था। उनको वहन करने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। 1930 में इंटर पास करने के बाद उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। फिर धीरे-धीरे उन्होंने आर्य समाज में भी अपनी पहचान बनाई। 1905 में सर छोटूराम ने राजा रामपाल के वहां एक सचिव के रूप में कार्य किया और 1907 तक अंग्रेजी अखबार का संपादन किया। इसके बाद वह वकालत की डिग्री करने आगरा चले गए।
क्रांतिकारी भावना
एक दिन चौधरी छोटूराम अपने पिता के साथ कर्ज लेने साहूकार के पास सापला गए। वहां पर उस साहूकार ने उसके पिता सुखीराम का बहुत अपमान किया। उसी दिन से छोटूराम ने ठान लिया कि वह अन्याय के खिलाफ लड़ेंगे। उनकी पहली हड़ताल क्रिश्चियन मिशन स्कूल के प्रभारी के खिलाफ हुई। इस हड़ताल के बाद वह जनरल राबर्ट के नाम से प्रसिद्ध हुए। इसके बाद उन्होंने गरीबों, किसानों और कमेरो के लिए आवाज उठाई और उनको अंग्रेजी हुकूमत से अधिकार दिलाए। 1920 में छोटूराम ने कांग्रेस छोड़ दी क्योंकि वह महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन के पक्षधर नहीं थे, वह सोचते थे कि सरकार के साथ मिलकर गरीब किसानों का भला किया जा सकता है। सरकार के खिलाफ लड़कर नहीं, फिर उन्होंने यूनियनिस्ट पार्टी की स्थापना की और 1937 के प्रोवोशियन असेंबली चुनाव में उनकी पार्टी विजय हुई और वह विकास व राजस्व मंत्री बने।
चौधरी सर छोटूराम की जीवनी – Sir Chhotu Ram Biography In Hindi
छोटूराम का जन्म | 24 नवंबर 1881 |
बचपन का नाम | रिछपाल |
पिता का नाम | सुखीराम |
उपाधि | किसानों के मसीहा, रहबर ए आजम, सर, दीनबंधु |
मृत्यु | 09 जनवरी 1945 |
सामाजिक कार्य व महत्वपूर्ण योगदान
1. 1913 में रोहतक में जाट स्कूल की स्थापना की।
2. वकालत जैसे व्यवसाय में भी उन्होंने नए – नए कीर्तिमान जोड़े जैसे झूठे मुकदमे न लेना, छल कपट से दूर रहना, गरीबों को निशुल्क कानूनी सलाह देना।
3. छोटूराम ने 1915 में क्रांतिकारी समाचार पत्र जाट गजट की शुरुआत की।
4. चौधरी छोटूराम ने 1930 में दो महत्वपूर्ण कानून पास कराने का श्रेय प्राप्त है। इन कानूनों से किसानों को साहूकारों से छुटकारा दिलाने का कार्य किया।
पंजाब रिलीफ इंडिपेंडेंस 1934 और द पंजाब डेब्ट्रस प्रोटेक्शन एक्ट 1936 यह कानून किसानों की कमर तोड़ने वाले ब्याज, उनके कर्ज का निपटारा और किसानों के अधिकारों से जुड़े आयाम थे। इन कानूनों से किसानों को साहूकारों के शोषण से मुक्ति मिली।
5. भाखड़ा बांध: सर छोटूराम ने ही भाखड़ा बांध का प्रस्ताव रखा था।
छोटूराम ने किसानों को क्या दो बातें बताई थी: मेरे भोले किसान एक तो बोलना सीख ले और दूसरा दुश्मन को पहचान ले।
सम्मान – Sir Chhotu Ram Biography
अक्टूबर 2018 में पीएम नरेंद्र मोदी ने सापला, जिला रोहतक में सर छोटूराम की 64 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया था। इस मौके पर मोदी ने कहा था छोटूराम का कद इतना बड़ा था कि सरदार पटेल ने उनके बारे में कहा था कि अगर छोटूराम जीवित होते तो हमें पंजाब की चिंता नहीं करनी पड़ती।